Sr. No | Article Title | Author Name |
1 |
अस्वस्थ शतकाचा सातबारा |
जयप्रभू कांबळे |
2 |
गुलमोहर |
स्वाती अमराळे - जाधव |
3 |
कलम 498 अ : मालकी हक्क ते मानवी हक्क |
स्वातीजा मनोरमा |
4 |
म्हणून |
दीपक बोरगावे |
5 |
येऊ घातलेला कर्जपूर |
संजीव चांदोरकर |
6 |
बाबरी पतनाची पंचवीस वर्ष |
कलीम अजीम |
7 |
स्त्री अभ्यास केंद्रांच्या अस्तित्वाचा प्रश्न |
दिलीप चव्हाण व भगवान फाळके |
8 |
गुजरात निकालाचं तात्पर्य... |
प्रकाश बाळ |
9 |
सार्वजनिक बुद्धिवंत आणि वर्तमान काळ |
रोमिला थापर |
10 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
11 |
नव्या जगाची नवी ऊर्जा |
संजय मं. गो. |
12 |
येऊ घातलेला कर्जपूर - ३ |
संजीव चांदोरकर |
13 |
निमित्त : भीमा कोरेगाव |
देवेंद्र इंगळे |
14 |
'पाऊलखुणा'कारांचं पेशवा गुणगान... |
जयंत पवार |
15 |
प्रभुत्वशाली समूहांच्या चिंता |
ख्रिस्तॉफ जॅफरलॉट व कलईयारासन ए. |
16 |
कोरेगावचा अपमान |
प्रकाश आंबेडकर |
17 |
स्मृती, मिथकं आणि स्मृतिस्थळं |
शिव विश्वानाथन |
18 |
राजकारण, जात आणि ब्रिटिशसत्तेची स्मृती |
श्रद्धा कुंभोजकर |
19 |
कोण्या एके काळची लढाई |
एम. राजीवलोचन |
20 |
अशी घड(व)ली १ तारखेची दंगल |
किशोर ढमाले |
21 |
दलित हे नवे मुस्लिम |
हरीश खरे |
22 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
23 |
सांस्कृतिक पहारेकऱ्याच्या भूमिकेतली कविता |
अशोक इंगळे |
24 |
'समर्था'ची दासी जनाबाईंचे माणूस असणे |
माधव पुटवाड |
25 |
कविता |
Pradnya Daya Pawar |
26 |
सर्वव्यापी रिलायन्सचे अन्वयार्थ! |
संजीव चांदोरकर |
27 |
जागतिक मानवाधिकार आणि आपण |
रविनंद होवाळ |
28 |
शिक्षणव्यवस्थेचा मराठी फेरफटका |
कल्पना भोयर-पांडे |
29 |
गुरुत्वाकर्षण आणि दुसरा ब्रह्मगुप्त |
नितीन शिंदे |
30 |
चिल्लरांची लढाई आणि नुसतीच बढाई |
नचिकेत कुलकर्णी |
31 |
कलिंगनगर : विनाशावाटे चाले विकास |
रंजना पाढी व राजेंद्रसिंग नेगी |
32 |
मॉबलिंचिंग विरोधी कायदा आणि अन्य काही... |
जिग्नेश मेवानी |
33 |
दोन देश आणि एक कृष्णविवर |
निरुपमा सुब्रमण्यम |
34 |
निष्कर्षांमधली खोट : उदारमतवादाची झाडाझडती |
अकील बिलग्रामी |
35 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Editors |
36 |
आंबेडकरांची जातिमीमांसा |
कमलेश बेडसे व अमोल पगारे |
37 |
कविता |
भूषण रामटेके कुमार वीरेंद्र |
38 |
एकात एक |
माधव जाधव |
39 |
समर्थाची दासी जनाबाईंचे माणूस असणे |
माधव पुटवाड |
40 |
खरा अन्याय कुणावर पद्मावतीवर की... |
दयानंद कनकदांडे |
41 |
जीवन - ऊर्जापरिवहनाचे अव्याहत चक्र |
संजय मं. गो. |
42 |
फिनटेक : गरिबांचे मित्र की शत्रू? |
संजीव चांदोरकर |
43 |
तिहेरी तलाक : मोठ्या गैरसमजाचा धनी |
फ्लॅविया अॅरग्नेस |
44 |
तलाकविरोधी विधेयक : हीच योग्य वेळ |
एम. जे. अकबर |
45 |
ओबीसी जनगणनेची प्राथमिकता |
श्रावण देवरे |
46 |
निवडणुका आणि अर्थसंकल्प २०१८ |
माधव दातार |
47 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
48 |
आंबेडकरांची जातिमीमांसा |
कमलेश बेडसे व अमोल पगारे |
49 |
कविता |
प्रज्ञा दया पवार |
50 |
फहमिदा रियाझ यांच्या दोन कविता |
फहमिदा रियाझ |
51 |
गयबण्याचं चिंतन |
प्रभाकर शेळके |
52 |
समर्थाची दासी जनाबाईंचे माणूस असणे -३ |
माधव पुटवाड |
53 |
वित्तसाक्षरता व गरिबांचे सक्षमीकरण |
संजीव चांदोरकर |
54 |
फसवणुकीची दीडपट भीती |
अजित नवले |
55 |
बोलाचाच भात, बोलाचीच कढी |
अच्युत गोडबोले |
56 |
दोन दस्तऐवजांचा ताळमेळ सांधताना |
श्रीनिवास खांदेवाले आणि समित माहोरे |
57 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
58 |
आंबेडकरांची जातिमीमांसा |
कमलेश बेडसे व अमोल पगारे |
59 |
संवाद लेनिनच्या पुतळ्याशी |
असगर वजाहत |
60 |
कविता |
धनराज खानोरकर |
61 |
एक निःशब्द करणारा अनुभव |
सुनीती देव |
62 |
समर्थाची दासी जनाबाईंचे माणूस असणे |
माधव पुटवाड |
63 |
विभावरी शिरुरकरांची दोघांचे विश्व |
जास्वंदी वांबूरकर |
64 |
पत्रकारिता : ब्राह्मणी आणि सत्यशोधकी |
प्रताप आसबे |
65 |
ऊर्जाप्रकारांचे वर्गीकरण व सद्यस्थिती |
संजय मं. गो. |
66 |
काँग्रेस नि माकपच्या र्हा.साची कथा |
प्रकाश पवार |
67 |
आणि ते उत्तरायणाचे दिवस |
विजय मांडके |
68 |
काळ्याकुट्ट कुशीत अहिंसक क्रांतीची स्वप्ने |
प्रमोद मुनघाटे |
69 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
70 |
१९७२चा दुष्काळग्रस्तांचा ऐतिहासिक लढा |
दीपक बोरगावे |
71 |
संवेदनशीलतेने अनुभवलेला दुष्काळी माणदेश |
रामचंद्र काळुंखे |
72 |
कंट्रोल युनिट |
वासुदेव मुलाटे |
73 |
समकालीनतेचे अन्वयार्थ |
नूपुर देसाई |
74 |
कविता |
वसंत केशव पाटील |
75 |
प्यारेलाल वडाली : विग्ध आणि दग्ध... |
जगदीश जाधव |
76 |
दोन माहितीपट - उलगडत जाणारी एकच रूपकथा |
माया निर्मला |
77 |
पुणेरी पाकातला ब्राह्मणी गुलाबजाम |
माधुरी मार्तंड दीक्षित |
78 |
वित्तीय साक्षरता आणि गरिबांचे सक्षमीकरण |
संजीव चांदोरकर |
79 |
संक्षिप्त इतिहासकार - सेतू माधवराव पगडी |
सरफराज शेख |
80 |
मंदिरवापसी |
आनंद तेलतुंबडे |
81 |
दावा आत्मसन्मानाचा |
प्रताप भानू मेहता |
82 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
83 |
अधांतरित प्रश्न |
प्रभू राजगडकर |
84 |
पोकळी जीवघेणी |
प्रज्ञा दया पवार |
85 |
सार्थवाह समाजवादी |
मिलिंद कसबे |
86 |
श्रावस्तीचा प्रज्ञावंत |
राजेंद्र गोणारकर |
87 |
हवेसारखी सामाजिक प्रश्नांअमध्ये विरघळून गेलेली रजनी |
उर्मिला पवार |
88 |
विंदांचं साहित्य का वाचलं/अभ्यासलं पाहिजे? |
प्रभाकर बागले |
89 |
वीज निर्मिती आणि प्रदूषण |
संजय मंगला गोपाळ |
90 |
गरिबांचे वित्तीय सक्षमीकरण डाव्या परिवर्तनवादी चळवळीला पूरक |
संजीव चांदोरकर |
91 |
डॉ. आंबेडकरांचे सहकारी- नवल भथेना |
प्रबोधन पोळ |
92 |
माध्यम संमोहित राजकारण |
ऋतुराज बुवा |
93 |
एप्रिल फूल बनाया |
उपला सेन |
94 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
95 |
ती, प्लेटो नि थेट मित्र |
साधना गोरे |
96 |
बाभूळकांड |
ऐश्व र्य पाटेकर |
97 |
अनुवादित कविता |
विहाग वैभव, संस्कृतिराणी देसाई |
98 |
तिच्या आठवणींचा जागर |
कुंदा प्र. नी. |
99 |
एक होती रजनी... |
भारती गोरे |
100 |
जागतिक भांडवलशाही व कामगारवर्ग |
संजीव चांदोरकर |
101 |
बापू बिरू : गुन्हेगारी आणि बंडखोरीतील द्वंद्व |
सचिन गरूड, केदार भोई |
102 |
आदिवासी समूहांचा शैक्षणिक असहभाग |
विजय गायकवाड |
103 |
इराक युद्धाची फलश्रुती |
सुकुमार शिदोरे |
104 |
माहिती तंत्रज्ञानाचे जनांदोलन |
बालाजी घारुळे |
105 |
आंबेडकरांचे अपहरण व 2019ची निवडणूक |
सुहास पळशीकर |
106 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
107 |
कविता |
दीपक बोरगावे |
108 |
ऊर्जा आणि वातावरण बदलाचे आव्हान! |
संजय मंगला गोपाळ |
109 |
जागतिक भांडवलशाही व कामगार वर्ग |
संजीव चांदोरकर |
110 |
आता ठरवा, तुम्ही कोणत्या बाजूला आहात! |
मेघा पानसरे |
111 |
गोदावरी नदी पाणी वाटपाचे राजकारण |
राजेंद्र इंगळे |
112 |
द्वंद्व आणि न्यायवृंद |
संतोष कायंदे |
113 |
राजकारण आणि आंबेडकरवाद |
जयंत लेले |
114 |
अलीगड: मुस्लिमांच्या ज्ञानसाधनेवर आघात |
कलीम अजीम व सरफराज अहमद |
115 |
सीपीएम परिषदेच्या निमित्ताने काही नोंदी |
कांचा इलाया शेफर्ड |
116 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
117 |
भारतीय समाजवादी चळवळीसमोरील वर्ण-जातिव्यवस्थेचे आव्हान |
राम बापट |
118 |
वर्तमानाचे भान सजग करणारे पुस्तक |
नितिन जरंडीकर |
119 |
माया पंडित यांच्या चार कविता |
माया पंडित |
120 |
जागतिक भांडवलशाही व कामगार वर्ग |
संजीव चांदोरकर |
121 |
आदित्यनाथ यांच्या राज्यातील एनकाउन्टर्सचं इतिवृत्त |
नेहा दीक्षित |
122 |
न्यायिक अत्याचार |
आनंद तेलतुंबडे |
123 |
कर्नाटकचा त्रिशंकु आणि अनिर्णित निकाल |
वैशाली पवार |
124 |
युपीएससीत बदल : काँग्रेसची आवई |
प्रकाश बाळ |
125 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
126 |
'परिवर्तनाचा वाटसरू'ला 'प्रबोधन पुरस्कार' |
प्रतिनिधी |
127 |
अस्मितांचे राजकारण |
राम बापट |
128 |
शेतकऱ्यांना तारणारी कविता |
प्रकाश मोगले |
129 |
इलाज |
माधव जाधव |
130 |
कविता |
पवन करण |
131 |
ऊर्जा स्रोतांचे दुर्भिक्ष्य |
संजय मं. गो. |
132 |
पेट्रोल-डिझेलच्या किंमतींना लागलेली आग |
संजीव चांदोरकर |
133 |
बाललैंगिक शोषण |
वृषाली मगदूम |
134 |
वसाहतपूर्व जातिसमाजातील प्रेम |
उमेश बगाडे |
135 |
चलता है! |
प्रताप भानू मेहता |
136 |
दानमू - आभासी प्रत्यक्षानुभूतीचं राजकारण |
वाई झेह्यू |
137 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
138 |
अस्मितांचे राजकारण २ |
राम बापट |
139 |
नव्वदोत्तरी आंबेडकरी कवितेची मीमांसा |
अरविंद सुरवाडे |
140 |
गुजरात दंगे - सत्याचा रहस्यभेद |
दयानंद कनकदंडे |
141 |
वनाधिकार : ग्रामसभेची लोकशाही आवश्यक |
छाया दातार |
142 |
आरक्षित कोठा |
राहूल निकम |
143 |
अरुणचंद्र गवळी यांच्या तीन कविता |
अरुणचंद्र गवळी |
144 |
वाकडी अत्याचाराच्या निमित्ताने |
नागेश भिसे |
145 |
युबीआय : भांडवलशाहीचा नवीन चकवा |
संजीव चांदोरकर |
146 |
वसाहतपूर्व जातिसमाजातील प्रेम |
उमेश बगाडे |
147 |
एका महान संशोधकाची शोकांतिका |
मिलिंद कीर्ती |
148 |
हनोज दिल्ली दूर अस्त! |
पी. साईनाथ |
149 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
150 |
नकार, वेदना व विद्रोहाकडून अस्वस्थतेकडे |
संजयकुमार कांबळे |
151 |
कविता |
किरण शिवहर डोंगरदिवे, लखनसिंह कटरे, दीपक बोरगावे |
152 |
मानवतावादी कवी : केदारनाथ सिंह |
गिरीश काशिद |
153 |
सत्यशोधकी फोटो संमेलन! |
प्रतिमा परदेशी |
154 |
भांडवली विकास आणि ऊर्जा क्षेत्र |
संजय मं. गो. |
155 |
युबीआय : भांडवलशाहीचा नवीन चकवा |
संजीव चांदोरकर |
156 |
वसाहतपूर्व जातिसमाजातील प्रेम |
उमेश बगाडे |
157 |
हरियाणवी पोलीसांच्या 'गाय पे हत्या' |
नेहा दीक्षित |
158 |
म्हणणे ऐका मूकजनांचे! |
झैद रआद अल हुसेन |
159 |
आम्ही ती स्मशाने ज्यांना |
विनायक लष्कर |
160 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
161 |
प्रश्न तात्त्विक धारणांचा |
विद्युत भागवत, दीपक कसाळे |
162 |
काला करिकालन अब्राह्मणी सौंदर्यशास्त्राचा विस्फोट |
महेंद्र लंकेश्वटर |
163 |
'ओल अंतरीची...- आयुष्याचे |
एकनाथ पगार |
164 |
एका अकुशल कामगाराचा जन्म |
अरुण सीताराम तीनगोटे |
165 |
कविता |
साबिर हक, रघुवंश मणी |
166 |
नवभांडवलशाही प्रणालीतील पुरुष भानाचा भौतिक पाया! |
संजीव चांदोरकर |
167 |
मंदीमुक्त भांडवलशाही असू शकेल का? |
श्रीनिवास खांदेवाले |
168 |
म्हणे भारताची अर्थव्यवस्था फ्रान्सला मागे टाकेल! |
सुप्रिया सरकार |
169 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
170 |
मराठी कवितांचा हिंदी अवतार |
सूर्यनारायण रणसुभे |
171 |
जस्ट मर्सी |
वासंती फडके |
172 |
स्थलांतर |
अपर्णा |
173 |
शाश्वात जीवनशैलीचा आग्रह आवश्यक! |
संजय मंगला गोपाळ |
174 |
नवभांडवलशाही प्रणालीतील पुरुष भानाचा भौतिक पाया! |
संजीव चांदोरकर |
175 |
हत्या इतिहासाची |
सरफराज अहमद |
176 |
डॉ. आंबेडकर आणि दलित चळवळीची पत्रकारिताः १९२०-५६ |
प्रबोधन पोळ |
177 |
दशा आणि दिशा |
श्रावण देवरे |
178 |
प्रस्थापितांचा कांगावा...! |
भालशंकर भागवत |
179 |
नवे प्रश्न निर्माण होतील |
माधव गोडबोले |
180 |
नवे आरक्षण |
सुहास पळशीकर |
181 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
182 |
नागपूरची विसंगती |
दिलीप चव्हाण |
183 |
तोंडचे पाणी पळवणारा विकास |
मीनल कुष्टे |
184 |
अरविंद देशपांडे : एक आदर्श शिक्षक |
जास्वंदी वांबूरकर |
185 |
फकरूद्दीन बेन्नूर : सहिष्णुतेचे महामेरू |
कलीम अजीम |
186 |
चीन, व्हिएटनाम: भांडवलशाही की समाजवादी अर्थव्यवस्था? |
संजीव चांदोरकर |
187 |
नव-उदारमतवाद, महानायक, व राजकारण |
निनाद पवार |
188 |
डॉ. आंबेडकर आणि दलित चळवळीची पत्रकारिताः १९२०-५६ |
प्रबोधन पोळ |
189 |
राज्यघटना, न्यायालयीन निवाडे आणि धनगर आरक्षण |
भालशंकर भागवत |
190 |
गुण गाईन आवडी |
नचिकेत कुलकर्णी |
191 |
सनातन संस्था ही सेक्युलर भारताच्या सुरक्षेला धोका आहे! |
अलका धुपकर |
192 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
193 |
बोलावे ते 'त्यांनी'...! |
प्रज्ञा दया पवार |
194 |
माझ्या भूगोलातले दोन शब्द |
विद्या बाळ |
195 |
परिवर्तनाचं व्यासपीठ |
नंदा खरे |
196 |
आता ठरवा, तुम्ही कोणत्या बाजूला आहात? |
मेघा पानसरे |
197 |
संवादाचे माध्यम |
वसंत आबाजी डहाके |
198 |
सकारात्मक चिकित्सक बोध |
कुमार शिराळकर |
199 |
दक्षिणायनची वाटचाल |
गणेश देवी |
200 |
मी वाचवू पाहिलं सत्य |
प्रज्ञा दया पवार |
201 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
202 |
धरणग्रस्तांच्या मुक्तीचा अजेंडा |
योगेश सपकाळ |
203 |
यातिहीनतेची कळ |
राम रौनेकर |
204 |
भारतातील डाव्या चळवळीचा मागोवा |
सुहास परांजपे |
205 |
अलविदा बेन्नूर... |
अशोक चौसाळकर |
206 |
खरे असलेले खरे |
भारती गोरे |
207 |
वाढते शहरीकरण आणि शाश्वात विकास |
संजय मंगला गोपाळ |
208 |
सलोख्याचे प्रवासी |
निलीमा जाधव-बंडेलू |
209 |
डाव्यांनी स्वत:कडे असलेली धारदार वैचारिक हत्यारे पाजळण्याची गरज! |
संजीव चांदोरकर |
210 |
युरोपात लोकानुरंजनवादाचा उदय, पण डाव्यांनाही नवीन अवकाश |
शँटल मूफे |
211 |
ओबीसी गणना आणि समाजहित |
माधव दातार |
212 |
डीबीटी : शिक्षण व्यवस्थापनाची नवी दिशा |
राजरत्न कोसंबी, शिवाली तुकदेव, अमर माळी |
213 |
व्यक्तित्वाच्या अधिकारावर हल्ला |
कल्पना कन्नाबीरन |
214 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
EPW Edit |
215 |
विष्णू खरे यांच्या चार कविता |
विष्णू खरे |
216 |
सुरेश सेन निशान्त यांची कविता |
सुरेश सेन निशांत |
217 |
कुरीपुडा श्रीकुमार यांच्या सहा कविता |
कुरीपुडा श्रीकुमार |
218 |
प्रद्युम्न श्रेष्ठ यांची कविता |
प्रद्युम्न श्रेष्ठ |
219 |
वर्जेश सोलंकी यांच्या आठ कविता |
Varjesh Solanki |
220 |
कवितेची पानं |
अजीम नवाज राही |
221 |
कवितेची पानं |
प्रभू राजगडकर |
222 |
कवितेची पानं |
डब्ल्यू. कपूर |
223 |
कवितेची पानं |
रफीक सुरज |
224 |
कवितेची पानं |
नीलिमा कुलकर्णी |
225 |
कवितेची पानं |
नारायण लाळे |
226 |
कवितेची पानं |
प्रसन्न दाभोलकर |
227 |
कवितेची पानं |
माधव जाधव |
228 |
कवितेची पानं |
पद्मरेखा धनकर |
229 |
कवितेची पानं |
अमीन सय्यद |
230 |
कवितेची पानं |
मारोती कसाब |
231 |
कवितेची पानं |
मनिषा घेवडे |
232 |
कवितेची पानं |
मेघराज मेश्राम |
233 |
कवितेची पानं |
धनराज खानोरकर |
234 |
कवितेची पानं |
सुनंदा शिंगनाथ |
235 |
कवितेची पानं |
युवराज पवार |
236 |
कवितेची पानं |
शशिकांत हिंगोणेकर |
237 |
कवितेची पानं |
सुनील यावलीकर |
238 |
कवितेची पानं |
उषा परब |
239 |
कवितेची पानं |
गजेंद्र भोसले |
240 |
कवितेची पानं |
विजय चोरमारे |
241 |
कवितेची पानं |
अलका गांधी-असेरकर |
242 |
कवितेची पानं |
सचिन गरुड |
243 |
कवितेची पानं |
प्रज्ञा दया पवार |
244 |
ती ती होती |
Leyla Josephine |
245 |
प्रजननविरोधाच्या अपरिचित वाटेवर |
Abhishodh Prakash |
246 |
पालकत्वाची नवी मळवाट |
राधिका जयेंद्र मीना |
247 |
(अ)पालकत्वाचे संदर्भ |
अपर्णा दीक्षित |
248 |
अँटिनेटलिझमचा भारतीय संदर्भ |
विजय कुंजीर |
249 |
नसतोच तर बरे होते! |
डेविड बेनेटार |
250 |
अपालकत्व... अशक्य! |
शारदा साठे |
251 |
अपत्यहीन, नैसर्गिकपणे |
उर्वशी बुटालिया |
252 |
प्रस्तावना |
अपर्णा दीक्षित, अभय कांता |
253 |
टिनपाट माणसाच्या काही गोष्टी |
श्रीधर चैतन्य |
254 |
शामकुळे |
अविनाश गायकवाड |
255 |
दर्ग्यातील हिरे |
जेम्स एने हेनशा |
256 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
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257 |
मलकापूर : माजीद गौरी |
दिलीप चव्हाण |
258 |
भारतातील डावी चळवळ आणि नवसंजीवनीच्या शक्यता |
मोनाली अवसरमल |
259 |
...पण गुरंढोरं, पशुपक्षी असे वागत नाहीत |
रमेश रावळकर |
260 |
अणुऊर्जेकडे नव्हे, अक्षय ऊर्जेकडे मोर्चा वळविणे अपरिहार्य! |
संजय मंगला गोपाळ |
261 |
मार्क्सवाद, आंबेडकरवाद आणि लोकप्रवाद |
शरद नावरे |
262 |
दलित, इंटरनेट आणि मुक्तिदायी राजकारण |
श्रद्धा कुंभोजकर |
263 |
नवफॅसिस्ट हिंसेचा आर्थिक अन्वयार्थ |
उद्धव कांबळे |
264 |
समस्यांची उकल शिक्षकांकडेच |
अनुराग बेहार |
265 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
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266 |
नवसंजीवनीची गरज |
विद्युत भागवत |
267 |
असंही एक अॅनिमल फार्म.. |
नीलिमा रवि |
268 |
मंगलेश डबराल यांच्या दोन कविता |
मंगलेश डबराल |
269 |
स्मारक व्हावे ही आमची इच्छा नाही |
मीनल कुष्टे |
270 |
अक्षय ऊर्जा अवलंबण्यासाठी पर्यायी विकासनीती अपरिहार्य! |
संजय मंगला गोपाळ |
271 |
स्वप्ने साकारायची आहेत |
जयंत जोशी |
272 |
मराठी पत्रकारिता आणि दिनमित्रकार |
सचिन गरुड |
273 |
आदिवासी समुदाय: धोरणात्मक तरतुदी व वास्तवता |
विजय गायकवाड |
274 |
इतिहास घडवू पाहणारा मृत्यू रोखताना |
उत्तरन दास गुप्ता |
275 |
माझे आरोग्य -तुमच्या हातात |
वृषाली मगदूम |
276 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
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277 |
ग. दि. माडगूळकर आणि शाहू महाराज |
दिलीप चव्हाण |
278 |
उर्जायन |
संजय मंगल गोपाळ |
279 |
आदिवासी वसतीगृहांची व्यथा... |
नवनाथ मोरे |
280 |
आदिवासींसंबंधीची सरकारी धोरणे |
एकनाथ भोये |
281 |
दुष्काळाची राजकीय अर्थव्यवस्था आणि उच्चाटनाची उपाययोजना |
दत्ता देसाई |
282 |
तुम बिल्कुल हम जैसे निकले! |
प्रज्ञा दया पवार |
283 |
उत्तर प्रदेश मुस्लिम विरुद्ध रासुका |
नेहा दीक्षित |
284 |
गाणे म्हणा शहरी नक्षल्यांसारखे |
शिव विश्व्नाथन |
285 |
इपीडब्ल्यूची पानं |
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